हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित रिवायत “ग़ेरर अल हिकम” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال امیر المؤمنین علیه السلام:
عَجِبتُ لِمَن یَرى أَنَّهُ یُنقَصُ كُلَّ یَومٍ فِی نَفسِهِ وَ عُمُرِهِ وَ هُوَ لا یَتَأهَّبُ لِلمَوتِ!
अमीरूल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
मुझे उस इंसान पर हैरानी होती है जो देखता है कि उसकी ज़िंदगी और उम्र हर दिन कम हो रही है, फिर भी वह मौत के लिए तैयार नहीं है।
ग़ेरर अल हिकम, हदीस 6253
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